Motivational story in hindi | जीवन का संघर्ष | life changes

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Motivational story in hindi It change your life thinking descision 

 पढ़िए motivational story in hindi :

                           जीवन का संघर्ष


मुश्किल समय पर विजय की कहानी हालत ऐश की पूरी तरह से फसा हुआ मौत की धमकी भी दी गई मगर मैने हार नही मानी पढ़िए मेरी कहानी में इमरान हू और जीवन के इस संघर्ष को मेने कैसे पार किया। 

motivational story in hindi
जिंदगी का सामना सच से


मुझे शुरू से 📖 पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं है तो मेने जैसे तैसे दसवीं तक पढ़ाई

की और अब मुझे जाना है शहर पैसे कमाने तो मेरे मां,पिता नहीं चाहते की में शहर जाऊ वो चाहते है में यही

खेती करु वो एशा इसलिए कह रहे थे क्युकी शहर में किसी को मेरे मां,पिता किसी नहीं जानते थे तो में रहूंगा कहा ?

उनको इसी बात की समस्या है मगर में अपने परिवार वालो को समझता हू वो नहीं मानते तो
 
में रात को बिना बताए किसी को शहर के लिए निकल जाता हू और उनके लिए एक चिट्ठी छोड़ देता हु


उसमे लिखा था : 
मां,पिता जी में जानता हु 
आप मुझ से बहुत प्यार करते है 
और आप मुझे किसी मुश्किल में नहीं देखना चाहते ,आप चिंता मत करिए में ठीक हू 
और शहर पहुंच कर काम
मिलता है तो में फोन करूंगा आपको ।
आप अपना ध्यान रखना और मां, पिता जी माफ कर देना मुझे मेरी हरकत के लिए 🙂

अब मे आया हु दिल्ली में यहां किसी को नहीं जानता बस मेरे पास 📱 एक छोटा फोन है जिससे में अपने माता पिता से बात कर सकता था ,

में एक छोटा सा रूम  🛏️ किराए पड़ ले लेता हु और नौकरी के तलाश में निकल जाता हु एक हफ्ता होने वाला है और मुझे अभी तक कोई नौकरी नहीं मिली जो पैसे थे मेरे पास धीरे धीरे खत्म हो रहे थे

अगले दिन में फिर काम के लिए निकलता हूं मुझे नौकरी नहीं मिलती में निराश पार्क में बैठा हुआ अब किया होगा


 तभी एक आदमी फोन पड़ बात कर रहे होते है मुझे 10 लोग और चाहिए फैक्ट्री  में 
तो ये सुन कर  में जाता हूं और उनसे बात की और उन्होंने बोला ठीक है मगर 💵 5,000 से ज्यादा नहीं मिलेंगे 

में तो खुश था भाई मुझे नौकरी तो मिल गई अब यह बात में अपने माता पिता को बताता हु वो भी खुश काम सही है ज्यादा मुश्किल नहीं है 

अब मुझे कुछ महीने हो गए है काम करते हुए और मेरे पास पैसे भी हो गए कुछ में अपने परिवार को कुछ पैसे भेजता हू मगर अगले महीने

फैक्ट्री में काम नही है तो अब सारे कर्मचारी को निकाल दिया जाएगा और मुझे भी अब हम वो सभी लोग जिन्हें काम से निकाल दिया गया दूसरे काम के तलाश में है पड़ कोई फायदा नही क्योंकि अभी हर फैक्ट्री में काम नही है कुछ महीने बाद ही अब कुछ होगा ।

मेने थोड़े पैसे बचा के रखे थे और कुछ पैसे में उधर ले कर एक छोटा सी दुकान खोली मगर मुझे सही से पकवान बनाना नहीं आते थे 


फिर भी मेने जैसे तैसे शुरू किया और पास्ता,चाउमीन,समोसे ,ब्रेड यह सब अपने दुकान में बेचने का सोचा मेरा दुकान पूरी तरह से बेकार चल रहा था

 क्यूंकि सही से आता ही नहीं था मुझे काफी सारे लोगो ने बेज़ाती की बनाने नहीं आता तो मत बनाया कर एशा कहा

 जिन से मेने उधार लिया उन्होंने ने मुझ से पैसे मांगने लगे और साथ ही साथ मकान मालिक भी  में पैसे नही दे सकता था तो उन्होंने धमकी देना शुरू कर दिया 🥹 में पूरी तरह से फसा हुआ हू एक तरफ उधार के पैसे और एक तरफ माकन मालिक के पैसे में जैसे तैसे 

एक महीने जिया अपनी जिंदगी मुझे समझ आ गया पैसा है तो सब कुछ है इज्ज़त है और दो मीठी बाते करने वाले भी

अब फैक्ट्री में काम आ गया है और में जाता हु इस बार मेरी नौकरी 💵 7,000 की लगती है और मेरे सर पे बहुत कर्ज है मेने कुछ महीने का समय लिया मकान मालिक से और उधर लेने वाले से और फैक्ट्री में काम करने लगा जम कर

और साथ ही साथ में एक छोटे से होटल में काम करने लगा जिसमे में सीखूंगा की कैसे पकवान बनाए जाता है 

में हर दिन यही जिंदगी जी रहा था सुबह उठो 12 घंटे फैक्ट्री में काम करो फिर 4 घंटे होटल में काम किया फिर 4 महीने बाद मेरी जिंदगी बदल गई मेरे सारे कर्ज वापस कर दिया मैने 

 और मेने कुछ पैसे भी बचाए थे इस बार मैने फिर दुकान ली और इस चार महीने में मेने बहुत सारे पकवान बनाना सीख लिया था जैसे समोसे,चाउमीन, मोमोज,फ्रेंच फ्राई

मगर मैने एक फैसला लिया में फैक्ट्री नहीं छोडूंगा में सुबह फैक्ट्री जाता और शाम को में अपनी दुकान खोलता पहले की तरह एक,दो लोग ही आए मेरे पास फिर मैंने रात होते ही दुकान बंद कर दी 

और सुबह फैक्ट्री चला गया फिर मेने शाम को दुकान खोली इस बार थोड़े ज्यादा लोग थे में खुश था मगर मेरा इतना से अभी कोई फायदा नही हो रहा था

 में जो पकवान बनाया करता था पूरी मेहनत से और उसमे स्वाद भरपुर हो जो भी मेने उन चार महीने में होटल में सीखा एश मैनें 6 महीने तक किया मेरा दुकान से अभी भी फायदा नही हो रहा था में थक गया हु अब सुबह कुत्ते की तरह फैक्ट्री जाना और शाम को ये काम जिससे कोई फायदा नही

मेने सोचा अब में ये दुकान बंद कर दूंगा

मगर इस महीने तक दुकान चलाता हूं फिर वहीं काम किया में सुबह फैक्ट्री गया और शाम को दुकान में और में जैसे ही दुकान बंद कर के घर जा रहा था

 एक मैडम आती है और उन्होंने कहा मुझे बहुत ज्यादा भूख लगी है कुछ मिलेगा आपके पास जो भी हो दे दो बना हुआ

मैंने बोला
: आप चिंता मत करो आपको जो चाहिए वो मुझे बताइए में बना दूंगा

मैडम : बोला आप मुझे पास्ता और मोमोज दे दो

में जैसे बनाता था वैसे ही बनाया और उन्हें काफी अच्छा लगा और उन्होंने पैक भी करा के खाना ले गए और उन्होंने ने मेरी फोटो खींची और मेरे दुकान की फोटो

और चली गई में फिर सुबह फैक्ट्री गया काम के लिए और शाम को आया तो मेने आज तक वो नही देखा जो मेने आजा देखा था पूरी गली भरी हुई थी 

सिर्फ मेरे दुकान के पकवान खाने के लिए में बहुत खुश हुआ और पूरी रात तक मैने पकवान बना के कस्टमर को परोसा और मुझे पता चला कि वोह सब अखबर में दिए हुए प्रचार की वजह से आए थे  

जिसमे मेरे होटल के बारे में काफी अच्छी अच्छी बातें लिखी थी वो मैडम जो भी अखबार में लिखती है सब उनकी बातो को मानते है वो बहुत बड़ी लेखिका है ।

 अब में समझ गया ये काम उन्ही मैडम का है उन्होंने ही फोटो ली थी मेरे आंखों से आसू रुके नहीं मेने इतनी मेहनत का फल  मुझे अब मिला अब मेने फैक्ट्री छोड़ दी और बैंक से लोन लिया और पहला रेस्टोरेंट खोला


 और कई लोगो को मेने रोजगार दिया और धीरे धीरे मेरा रेस्टोरेंट काफी फेमस हो गया पास्ता ,मोमोज,चाउमीन,समोसे सब मेरे यहां से खाना पसंद करते थे 

और धीरे धीरे मेने 10 से ज्यादा रेस्टोरेंट खोले गुजरात,बिहार,दिल्ली,बैंगलोर,राजस्थान में

बस इतनी सी कहानी थी मेरी आपका धन्यवाद !

Moral of the story
 :

आखरी में कहना चाहूंगा अगर कुछ ठान लिया है करने का तो करो समय लगेगा मगर जरूर पूरा होगा अपने आप पर भरोसा रखे

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